जातीय जनगणना को लेकर आप सांसद ने केंद्र से पूछे तीन सवाल

कहा, बिहार चुनाव जीतने लिए भाजपा कर रही कोरी जुमलेबाजी

लखनऊ। आप के यूपी प्रभारी संजय सिंह ने शुक्रवार को जातीय जनगणना कराने की घोषणा पर सरकार व भाजपा को अपने सवालों से घेरने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि भाजपा ने कभी भी खुलकर जातीय जनगणना के मुद्दे पर कुछ नहीं बोला। अब अचानक केंद्र सरकार ने इसे कराने की घोषणा की तो आश्चर्य हो रहा है। बिहार विधानसभा चुनाव जीतने और पहलगाम आतंकी घटना से लोगों का ध्यान हटाने के लिए यह घोषणा की है।

राजधानी में स्थित पार्टी के प्रदेश कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत में संजय सिंह ने जातीय जनगणना पर केंद्र सरकार से तीन सवाल पूछे । उन्होंने कहा कि आखिर सरकार ने इसकी समय-सीमा क्या निर्धारित की है । कहीं महिला आरक्षण जैसा इसका भी हस्र न हो। क्योंकि उसका लाभ कब से मिलेगा इसका अता-पता नहीं है। दूसरा सवाल पूछा कि जातीय जनगणना के लिए बजट क्यों नहीं आवंटित किया और तीसरा सवाल यह पूछा कि सुप्रीम कोर्ट ने 50 प्रतिशत से अधिक आरक्षण देने पर रोक लगा रखी है।

ऐसे में जातीय जनगणना के आंकड़ों के आधार पर क्या कानून लाकर सरकार आरक्षण की सीमा बढ़ाएगी। संजय सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालयों में शिक्षक व केंद्र सरकार में सचिव और संयुक्त सचिव के पद पर तैनात अधिकारियों में से बहुत कम संख्या में आरक्षित श्रेणी के लोग हैं। ज्यादातर पदों पर सामान्य श्रेणी के लोगों का कब्जा है।

उन्होंने कहा कि निजीकरण को बढ़ावा देकर सरकार खुद आरक्षण को खत्म कर रही है। आउटसोर्सिंग को बढ़ावा दिया जा रहा है। सरकार पाकिस्तान को सबक सिखाने की बजाए लोगों की आवाज दबा रही है। लखनऊ विश्वविद्यालय की शिक्षिका माद्री काकोटी व शिक्षक सौरभ बनर्जी पर की गई कार्रवाई पर भी सवाल उठाया।

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